Skip to main content

Posts

Showing posts from August, 2023

प्रश्नों का बैताल...

नैतिक और मानवीय मूल्यों की दृष्टि से अव्यवस्थित इस संसार में एक प्रश्न गाहे-बगाहे मेरे समक्ष उठता है कि क्या प्रेम कोई वस्तुनिष्ठ चीज है अथवा यह नितांत व्यक्तिगत भाव है?यदि विषयी पर निर्भर है तो वह प्रेम जो किसी के ह्रदय में एक दिन ज्वार बनकर उमड़ा था,अचानक वह लुप्त कहाँ हो जाता है!किंतु व्यक्तिगत स्तर पर यह तथापि कुछ हद तक स्वीकार्य है कि प्रेमिल मन किसी कारण बदल गयें।जैसा कि एक गीत में गीतकार कहता है, "कब बिछड़ जायें हमसफ़र ही तो हैं, कब बदल जायें एक नजर ही तो है!" किंतु इससे यह स्पष्ट नहीं होता कि यह नितांत निजी कोई भाव या धारणा है। वैसे भी इस भाव के व्यक्तिगत न होने का यह भी कारण है कि यदि दो प्रेमी मन से इतर प्रेम की बात करें तो प्रेम समस्त नैतिकता के मूल में है।अतः यह कोई विषयी पर निर्भर भाव मात्र नहीं अथवा कोई निजी‌ अवधारणा नहीं सिवाय इसके कि कौन कब किसके प्रेम में कोई पड़ जाय,यह कोई निश्चित बात नहीं है और यह नितांत व्यक्तिगत चाहना है।  किंतु यहाँ समस्या और गंभीर रूप धारण करती है जब प्रेम को वस्तुनिष्ठ रूप में देखा जाय!और हम एकदम सिरे से नकार भी नहीं सकतें कि यह कोई वस

यात्राएं

  यह जीवन अपने आप में एक यात्रा है निरपेक्ष रूप से। जहाँ इसको किसी अन्य यात्रा की,यात्री की,गंतव्य की आवश्यकता नहीं है।पथ की,पथिक की आवश्यकता नहीं है।जीवन निरपेक्ष रूप से ठीक वैसे ही यात्रारूप है जैसे अद्वैत का परमब्रह्म(Super Conscious)।यात्रा जीवन का स्वरूप ही है जैसे प्रकाश सूर्य का। किंतु जीवन के आनन्तर्य में अनेकों सापेक्ष यात्राएं होती हैं, जो जीवन के इस रूप की ही पहचान करवाती हैं। कैसी पहचान! कैसी यात्रा! यही कि यात्राएं तो करनी पड़ेंगी चाहे अनचाही हों या चाही गई।क्योंकि अपने स्वरूप में निरपेक्ष जीवन इन सापेक्ष यात्राओं से ही गति पाती है। यही जीवन का स्वरूप है!यही इसकी पहचान! इस लेख में मेरे जीवन से जुड़ी दो यात्राओं की दो तस्वीरें हैं।पहली जब सूरज डूब रहा था।ठीक उसी समय कहीं सच में जीवन का सूरज डूब रहा था। यह एक अनचाही यात्रा थी। दूसरी,जब सूरज उदय हो रहा था। ठीक अगली सुबह कहीं सच में नवजीवन की पहली यात्रा की तैयारी थी।यद्यपि यह सूर्योदय होने में पांच बरस लग गयें।किंतु किसी ने ठीक ही कहा है कि'एक दिन बरसों का संघर्ष बड़े खूबसूरत तरीके से हमसे टकराता है' ।