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Showing posts from September, 2024

बरखा का गौनागीत...🌧️

  माह आश्विन (क्वार) का है और पक्ष पितरों का चल रहा है। समक्ष गिर रहीं संभवतः यह बरखा की बूंदों का मानसून के अपने घर वापसी के पहले का रूदनगीत हो।घर से कार्यस्थल जाने के रस्ते में मैं देख रही थी तेजी से बरखा की बूंदो को धरती पर गिरते हुए।मानो धरती के गले मिलने को कितनी आतुर हों कि अब मिलेंगे छह-सात माह बाद!मानो कह रहीं हों इस विदा की बेला में ढंग से मिल तो लें!यह भी कि सबके हिस्से आना चाहिए ठीक ढंग से अलविदा कहने का हक़।प्रकृति हो कि मनुष्य। इसके बाद अब उत्सवों के दिन लौटेंगे।ऋतुएँ पहले शरद का सुहानापन,फिर हेमंत की आत्मकरूणा,और पुनः शिशिर की आत्मदैन्यता ओढ़े-लपेटे आयेंगी अपने ठिठुरते दिनरात को लिए।धीरे-धीरे दिन की लंम्बाई घटती ही रहेगी।सब समेटा करेंगे इन दिनों में अब खुद को जल्दी-जल्दी।दिनमान छोटे हो जायेंगे।और रातें जाने किस शोक में गहरी और दीर्घ।  धूप का भी स्वर कोमल हो जाएगा।देखूंगी धूप के चढ़ाव के उतार को।किंतु मैं जिसके मन को भाता है दिनों का फैलाव और धूप का तेज,उचाट मन लिये देखूंगी दिनों को स्वयं को समेटते हुए शीघ्रता से,बेमन से।गोया जीवन को देखती हूँ उचाट मन से।यूँ भी भादो क्वार

पिताजी,राजा और मैं

  तस्वीर में दिख रहे प्राणी का नाम ‘राजा’ है और दिख‌ रहा हाथ स्वयं मेरा।इनकी एक संगिनी थी,नाम ‘रानी’।निवास मेरा गांव और गांव में मेरे घर के सामने का घर इनका डेरा।दोनों जीव का मेरे पिताजी से एक अलग ही लगाव था,जबकि इनके पालक इनकी सुविधा में कोई कमी न रखतें!हम नहीं पकड़ पाते किसी से जुड़ जाने की उस डोर को जो न मालूम कब से एक-दूसरे को बांधे रहती है।समय की अनंत धारा में बहुत कुछ है जिसे हम नहीं जानते;संभवतः यही कारण है कि मेरी दार्शनिक दृष्टि में समय मुझे भ्रम से अधिक कुछ नहीं लगता;अंतर इतना है कि यह भ्रम इतना व्यापक है कि धरती के सभी प्राणी इसके शिकार बन जाते हैं।बहरहाल बात तस्वीर में दिख रहे प्राणी की चल रही है। पिताजी से इनके लगाव का आलम यह था कि अन्य घरवालों के चिढ़ने-गुस्साने से इनको कोई फर्क नहीं पड़ता।जबतक पिताजी न कहें,ये अपने स्थान से हिल नहीं सकते थें।पिताजी के जानवरों से प्रेम के अनेकों किस्सों में एक यह मैंने बचपन से सुन रखा था बाबा से कि जो भी गाय घर में रखी जाती,वह तब तक नहीं खाती जब तक स्वयं पिताजी उनके ख़ाने की व्यवस्था न करतें। राजा अब अकेला जीवन जीता है,उसके साथ अब उसकी सं